आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Shri Santoshi Mata Ji Ki Aarti 

Title of the document ॐ श्री संतोषी माता की आरती ॐ

जय संतोषी माता, मैय्या जय संतोषी माता

Jai Santoshi Mata, Maiyya Jai Santoshi Mata

 

श्री संतोषी माता की आरती

 
जय संतोषी माता, मैय्या जय संतोषी माता।
अपने सेवक जन को, सुख सम्पति दाता ।।
जय..
 सुन्दर चीर सुनहरी, माँ धारण कीन्हों।
हीरा पन्ना दमकें, तन श्रृंगार लीन्हों ।।
जय…. 
गेरु लाल छटा छबि, बदन कमल सोहे।
मन्द हंसत करुणामयी, त्रिभुवन जन मोहे ।।
जय…
 स्वर्ण सिंहासन बैठी माता, चंवर दुरें प्यारे।
 धूप, दीप, नैवेद्य, मधुमेवा, भोग धरे न्यारे ।। 
जय…
 गुड़ अरू चना परमप्रिय, तामें संतोष कियो।
 संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो।।
जय…
 शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही।
 भक्त मंडली आई, कथा सुनत मोही।। 
जय…
मंदिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई।
विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई।। 
 जय…
 भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै।
जो मन बसे हमारे, इच्छित फल दीजै ।।
जय.. 
दुःखी, दरिद्र, रोगी, संकट मुक्त किये।
बहु धन धान्य भरें घर, सुख सौभाग्य दिये।। 
 जय.. 
ध्यान धरे जो जन तेरो, मनवांछित फल पायो।
 पूजा कथा श्रवण कर, घर आनन्द छायो।।
जय…
शरण गहे की लज्जा, रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे, दयामयी अम्बे ॥ जय…
संतोषी माँ की आरती, जो कोई जन गावे।
 ताके घर सुख सम्पत्ति आवे।। जय संतोषी माता…

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top