आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Shri Rani Sati Ji Ki Aarti 

Title of the document ॐ श्री राणीसती जी की आरती ॐ

जय श्री राणी सती मैय्या, जय जगदम्ब सती जी

Jai Shri Rani Sati Maiyya, Jai Jagdamb Sati Ji 

 

श्री राणीसती जी की आरती

 
जय श्री राणी सती मैय्या,जय जगदम्ब सती जी ।
अपने भक्तजनों की दूर करो विपति ।।
जय…
 अपनी अनन्तर ज्योति अखण्डित मंडित चहुँ कुंकुमा।
दुरजन दलन खड़ग की, विद्युत सम प्रतिभा ।।
जय…
 मरकत मणि मंदिर अति मंजुल, शोभा लखि न पड़े।
ललित ध्वजा चहुँ ओर, कंचन कलश धरे।।
जय..
 घण्टा घनन घड़ावल बाजे, शंख मृदंग घुरे ।
किन्नर गायन करते वेद ध्वनि उचरे ।।
जय…
 सप्त मातका करें आरती, सुरगण ध्यान धरे ।
विविध प्रकार के व्यंजन, श्रीफल भेंट धरे।।
 जय…
 संकट विकट विदारणि नाशनि हो कुमति ।
सेवक जन हृदय पटले, मृदुल करन सुमति।।
जय…
 अमल कमल दल लोचनी, मोचनी त्रय तापा ।
दास आयो शरण आपकी, लाज रखो माता।।
जय… 
श्री राणीसती मैय्याजी की आरती, जो कोई जन गावे ।
सदनसिद्धि नवनिधि, मनवांछित फल पावे ।।
जय….
 

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