आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Parvati Ji Ki Aarti 

Title of the document ॐ श्री पार्वती जी की आरती ॐ

जय पार्वती माता, मैय्या जय पार्वती माता

Jai Parvati Mata, Maiyya Jai Parvati Mata

 

श्री पार्वती जी की आरती

 
जय पार्वती माता, मैय्या जय पार्वती माता,
 ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता
॥ टेक ॥
 अरिकुल पद्म विनासनि, निज सेवक त्राता,
 जग जननी जगदंबा, हरिहर गुण गाता
॥ जय॥
 सिंह को वाहन साजे, कुण्डल है साथा,
देव वधु जहं गावत, स नृत्य करत ता था
॥ जय ॥
 सतयुग रूप शील अति सुंदर,नाम सती कहाता,
 हेमांचल घर जन्मी,सखियन संगराता
॥जय ॥
शुंभ-निशुंभ विदारे, हेमांचल स्थाता,
सहस्त्र भुजा तनु धरिके, चक्र लियो हाथा
॥ जय ॥
सृष्टि रूप तुही है जननी, शिव संग रंगराता,
 नंदी भृंगी बीन लही, सारा जग मदमाता
॥ जय.॥ 
देवन अरज है कीनी, मन चित को लाता,
गावत दे दे ताली, मन में रंग आता
॥ जय ॥ 
(श्री) प्रताप आरती मैय्या की,जो कोई जन गाता,
सदा सुखी नित रहता,सुख संपति पाता
॥जय॥
 
(इति)
 

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