आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Shri Navgraho Ji Ki Aarti 

Title of the document ॐ श्रीनवग्रहों की आरती ॐ

आरती श्री नवग्रहों की कीजै, बाघ, कष्ट, रोग, हर लीजै

Aarti Shri Navgraho Ki Kijai, Bagh, Kasht, Rog, Har Lijai

 

श्रीनवग्रहों की आरती

 
आरती श्री नवग्रहों की कीजै,
 बाघ, कष्ट, रोग, हर लीजै ।
 सूर्य तेज व्यापे जीवन भर,
 जाकी कृपा कबहु नहिं छीजै ।।
 आरती श्री .. 
रूप चंद्र शीतलता लायें,
 शांति स्नेह सरस रसु भीजै ।।
आरती श्री… 
मंगल हरे अमंगल सारा,
 सौम्य सुधा रस अमृत पीजै ।।
आरती श्री… 
बुद्ध सदा वैभव यश लीये,
सुख सम्पति लक्ष्मी पसीजै ।।
आरती श्री …. 
विद्या बुद्धि ज्ञान गुरू से ले लो,
 प्रगति सदा मानव पै रीझे।।
 आरती श्री …. 
शुक्र तर्क ज्ञान विज्ञान बढ़ावै,
 देश धर्म सेवा यश लीजे।।
आरती श्री …. 
न्यायधीश शनि अति ज्यारे,
 जप तप श्रद्धा शनि को दीजै ।।
आरती श्री..
 राहु मन का भरम हरावे,
 साथ न कबहु कुकर्म न दीजै ।।
 आरती श्री …. 
स्वास्थ्य उत्तम के तु राखै,
 पराधीनता मनहित खीजै ।।
आरती श्री…
।। आरती श्री नवग्रहों की कीजै… ।।
 

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