आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Maa kaali ki aarti

Title of the document ॐ मातारानी की कृपा सब पर बनी रहे ॐ

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा

Mangal ki seva sun meri deva


मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।
पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेट धरे ॥
सुन जगदम्बे न कर विलम्बे, संतन के भडांर भरे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ॥
बुद्धि विधाता तू जग माता, मेरा कारज सिद्व करे ।
चरण कमल का लिया आसरा, शरण तुम्हारी आन पडे ॥
जब-जब भीड पडी भक्तन पर, तब-तब आप सहाय करे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशाली, जय काली कल्याण करे ॥
गुरु के वार सकल जग मोहयो, तरुणी रूप अनूप धरे ।
माता होकर पुत्र खिलावे, कही भार्या भोग करे ॥
शुक्र सुखदाई सदा सहाई, संत खडे जयकार करे ।
सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे ॥
ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये, भेट देन तेरे द्वार खडे ।
अटल सिहांसन बैठी मेरी माता, सिर सोने का छत्र फिरे ॥
वार शनिचर कुमकुम बरणो, जब लुंकड़ पर हुकुम करे ।
सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली, जै काली कल्याण करे ॥
खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये, रक्त बीज को भस्म करे ।
शुम्भ-निशुम्भ को क्षण में मारे, महिषासुर को पकड दले ॥
आदित वारी आदि भवानी, जन अपने को कष्ट हरे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे ॥
कुपित होकर दानव मारे, चण्ड-मुण्ड सब चूर करे ।
जब तुम देखी दया रूप हो, पल में सकंट दूर करे ॥
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता, जन की अर्ज कबूल करे ।
सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे ॥
सात बार की महिमा बणनी, सब गुण कौन बखान करे ।
सिंह पीठ पर चढी भवानी, अटल भवन में राज्य करे ॥
दर्शन पावे मंगल गावे, सिद्ध साधक तेरी भेट धरे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे ॥
ब्रह्मा वेद पढे तेरे द्वारे, शिव शंकर हरी ध्यान धरे ।
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती, चंवर कुबेर डुलाय रहे ॥
जय जननी जय मातु भवानी, अटल भवन में राज्य करे ।
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ॥
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।
पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेट धरे ॥ 
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।
पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले ज्वाला तेरी भेट धरे ॥
जय माता दी

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