आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Shri Ganga Ji Ki Aarti 

Title of the document ॐ श्री गंगा की आरती ॐ

जय गंगे माता, मैय्या जय गंगे माता

Jai Gange mata, Maiyya Jai Gange Mata

 

श्री गंगा की आरती

 
ॐ जय गंगे माता, मैय्या जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ।।
ॐ जय.. 
चंद्रसी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता।
शरण पड़े जो तेरी, सो जन तर जाता।।
ॐ जय.. 
भवसागर से तारे, सब जग को ज्ञाता।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ।।
ॐ जय..
 एक बार जो भी, शरण तेरी आता।
यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता।।
ॐ जय …. 
आरती मातु तुम्हारी, जो जन नित गाता।
सेवक वही सहज में, मुक्ति को पाता ।।
ॐ जय..
 
(इति)
 

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