आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Shri Bhairav Aarti 

Title of the document ॐ श्री भैरव जी की आरती ॐ

जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा

Jai Bhairav Deva, Prabhu Jai Bhairav Deva

 

श्री भैरव जी की आरती

 
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा।।
काली और गौरा देवी कृत सेवा ।।
जय…
जय तुम्ही पाप उद्धारक, दुःख सिंधु तारक।
भक्तों के सुखकारक, भीषण वपु कारक।।
जय..
 वाहन श्वान विराजत, कर त्रिशूल धारी।
महिमा अमित तुम्हारी, जय जय भयहारी ।। जय….
तुम बिन शिव सेवा, सफल नहीं होवे ।
चतुरवर्तिक दीपक, दर्शन दुःख खोवे।। जय… 
तेल चटिक दधि मिश्रित, भाषावलि तेरी ।
कृपा कीजिए भैरव, करिए नहीं देरी ।। जय…..
पांवों घुंघरू बाजत डमरू डमकावत ।
बटुकनाथ बन बालक, जन-मन हरषावत।। जय….
बटुकनाथ की आरती, जो कोई जन गावे।
कहे’ धरणीधर’ वह जन मनवांछित फल पावै ।।
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।।

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