आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Shri Bagalamukhi Ki Aarti 

Title of the document ॐ श्री बगलामुखी की आरती ॐ

जय जय श्री बगलामुखी माता, आरति करहुं तुम्हारी

Jai Jai Shri Baglamukhi Mata, Aarti Karhun Tumhari

 

श्री बगलामुखी की आरती

 
जय जय श्री बगलामुखी माता,
आरति करहुं तुम्हारी ।।
टेक ॥
 पीत वसन तन पर जब सोहैं,
कुण्डल की छबि न्यारी ।
 कर कमलों मे मुद्गर धारै,
अस्तुति करहिं सकल नर-नारी ।।
 जय जय।।
 चंपक माल गले लहरावे,
 सुन नर मुनि जय जयति उचारी।
 त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब,
भक्ति सदा तव है सुखकारी।
जय जय।।
 पालन हरत सृजत तुम जग को,
 सब जीवन की हो रखवारी।
 मोह निशा मे भ्रमत सकल जन,
 करहु हृदय महँ तुम उजियारी।।
जय जय ।। 
तिमिर नशावहु ज्ञान बढ़ावहु,
अम्बे तुमही ही असुरारी। 
संतन को सुख देत सदा ही,
सब जन की तुम प्राण पियारी।।
जय जय ।।
 तव चरणन जो ध्यान लगावै,
 ताको हो सब भव-भयहारी ।
 प्रेम सहित जो करहिं आरती,
ते जन मोक्ष धाम अधिकारी।।
जय जय ।।
 जय जय श्री बगलामुखी माता,
आरति करहं तम्हारी ।।
 
 

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