आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Shri Shitla Mata Ji Ki Aarti 

Title of the document ॐ श्री शीतला माता जी की आरती ॐ

जय शीतला माता, मैय्या जय शीतला माता

Jai Shitla Mata, Maiyya Jai Sheetla Mata

 

श्री शीतला माता जी की आरती

 
जय शीतला माता, मैय्या जय शीतला माता। 
आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता।।
जय …. 
रत्न सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भाता।
ऋद्धि सिद्धि चंवर दुलावें, जगमग छवि छाता ।।
 जय…. 
विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता ।
वेद पुराण बरणत, पार नहीं पाता ।।
जय…. 
इंद्र मृदंग बजावत, चंद्र वीणा हाथा।
सूरज ताल बजावे, नारद मुनि गाता।।
जय …. 
घंटा शंख शहनाई बाजै, मन भाता।
करै भक्त जन आरती, लखि लखि हरसाता ।।
जय… 
ब्रह्म रूप वरदानी तुही,तीन काल ज्ञाता।
भक्तन को सुख देती, मातु पिता भ्राता ।।
जय … 
जो जन ध्यान लगावै, प्रेम भक्ति लाता।
सकल मनोरथ पावे, भवनिधि तर जाता ।।
जय … 
रोगों से जो पीड़ित, कोई शरण तेरी आता।
कोढ़ी पावे निर्मल काया, अंध नेत्र पाता।।
जय …. 
बांझ पुत्र को पावे, दारिद्र कट जाता।
ताको भजै जो नाहीं, सिर धुनि पछिताता।।
जय…. 
शीतल करती जनको,तूही है जग त्राता ।
उत्पत्ति पाल विनाशत, तू सब की माता ।।
जय… 
दास नारायण विनय कर जोड़े, सुन मेरी माता।
भक्ति अपनी दीजै, और न कुछ भाता ।।
जय…
 
(इति)
 

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