आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Laxmi Maa Aarti 

Title of the document ॐ श्री लक्ष्मी जी की आरती ॐ

जय लक्ष्मी माता, (मैय्या) जय लक्ष्मी माता

Jai Laxmi Mata, Maiyya Jai Lakshmi Mata

 

श्री लक्ष्मी (महालक्ष्मी) जी की आरती

 
ॐ जय लक्ष्मी माता, (मैय्या) जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसदिन सेवत,  हर-विष्णु-विधाता ।।ॐ ।। 
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
।। ॐ ।।
 दुर्गारूप निरञ्जनि, सुख-सम्पत्ति-दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता
।।ॐ ।। 
तुम पाताल निवासिनि,तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव – प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता
।। ॐ ।।
 जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता
।। ॐ ।। 
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता ।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
।। ॐ ।।
 शुभ-गुण-मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहिं पाता ।। ॐ ।।
 लक्ष्मी (जी) की आरती, जो कोई जन गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
।। ॐ ।।
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