आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Shri Bramha Ji Ki Aarti 

Title of the document ॐ श्री ब्रम्हा जी की आरती ॐ

पितु मातु सहायक स्वामी सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो

Pitu Maatu Sahayak Swami Sakha, Tum Hi Ek Naath Hamare Ho

 

श्री ब्रह्माजी की आरती

 
पितु मातु सहायक स्वामी सखा,
 तुम ही एक नाथ हमारे हो। 
जिनके कुछ और आधार नहीं,
 तिनके तुम ही रखवारे हो । 
सब भाँति सदा सुखदायक हो,
 दुख निर्गुण नाशन हारे हो ।
 प्रतिपाल करे सारे जग को,
 अतिशय करूणा उर धारे हो। 
भूल गये हैं हम तो तुमको,
 तुम तो हमरी सुधि नहिं बिसारे हो।
 उपकारन को कछु अंत नहीं,
 छिन्न ही छिन्न जो विस्तारे हो। 
महाराज महा महिमा तुम्हारी,
मुझसे विरले बुधवारे हो।
 शुभ शांति निकेतन प्रेम निधि,
 मन मंदिर के उजियारे हो ।
 इस जीवन के तुम ही जीवन हो,
 इन प्राणन के तुम प्यारे हो। 
तुम सों प्रभु पाय कमल हरि,
केहि के अब और सहारे हो।
 (इति)
 
 

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