आरती-भजन-मंत्र-चालीसा

Shri Narmada Ji Ki Aarti 

Title of the document ॐ श्री नर्मदा की आरती ॐ

जय जगदानन्दी, मैय्या जय आनन्द करनी

Jai Jagdanandi, Maiyya Jai Aanand Karni

 

श्री नर्मदा की आरती

 
ॐ जय जगदानन्दी, मैय्या जय आनन्द करनी ।
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा, शिव हरिशंकर रुद्री पालन्ती ।।
ॐ जय..
 देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचण्डी ।
सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि जन ध्यावत, शारद पदवन्ती ।।
ॐ जय.. 
देवी धूम्रक वाहन,राजत वीणा वादयन्ती।
झुमकत झुमकत झुमकत, झननन झननन रमती राजन्ती ।।
ॐ जय..
देवी बाजत ताल मृदंगा, सुर मण्डल रमती ।
तोडीतान तोड़ीतान तोड़ीतान, तुरड़ड़-३ रमती सुरवन्ती ।।
ॐ जय.. 
देवी सकल भुवन पर आप विराजत, निशदिन आनन्दी ।
गावत गंगाशंकर सेवत रेवाशंकर, तुम भव मेटन्ती ।।
ॐ जय..
मैय्या जी को कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
अमरकंठ में विराजत, घाटन घाट विराजत, कोटि रतन ज्योति ।।
ॐ जय.. 
मैय्या जी की आरती जो कोई जन गावै, मैय्या जो सुन्दर गावै ।
भजत शिवानन्द स्वामी जपत हरिहर स्वामी, मनवांछित फल पावें।।
ॐ जय..
 

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