Jeen Mata Aarti
जीण माता आरती
श्री जीणमाता की आरती
॥ चौपाई ॥
ॐ जय श्री जीण मैय्या, बोलो जय श्री जीण मैय्या ।
सच्चे मन से सुमिरे, सब दुःख दूर भया ।। टेक।।
ॐ पर्वत मंदिर, शोभा अति भारी।
दिखत रूप मनोहर, असुरन भयकारी।।
ॐ जय..
महा श्रृंगार सुहावन, ऊपर छत्र फिरे।
सिंह की सवारी सोहे, कर मे खड्ग धरे।।
ॐ जय..
बाजत नौबत द्वारे, अरू मृदंग डमरू ।
चौसठ जोगन नाचत, नृत्य करत भैरूँ ।।
ॐ जय...
बड़े-बड़े बलशाली, तेरा ध्यान धरें ।
ऋषि मुनि, नर देवा, चरणों आन परें ।।
ॐ जय..
जीण माता की आरती, जो कोई जन गावे ।
कहत रूड़मल सेवक, सुख सम्पति पावे।।
ॐ जय..