ॐ गौ माता चालीसा ॐ

गौ माता चालीसा | Gau Mata Chalisa

गौ माता चालीसा
Gau Mata Chalisa


दोहा :

माँ सुमिरन मुख सहज हो।
चारपदारथ सार । 
धरा रूपसुरभि धरा।
महिमा अमित अपार ।। 

॥ चौपाई ॥

देव दनुज सागर मथि पावा।
चौदह रतन प्रमुख गौपावा ।। 
पांच धेनु प्रगटेउ जग बहुला।
नन्दा भद्रा सुरभि सुशीला ।। 

महागौरी महिषासुर घाती।
वृषवाहन संकर सिवराती ।।
 धन्य मातु मल देव बनाई।
 प्रथम पूज्य राजवदन कहाई ।।

 जप तप जग्यदानविधि नाना।
 गोमय लेपन सकल विधाना।।
 पंचगव्य पंचतत्व निखारे।
पंचप्रान ब्रहारंध्र सिधारे ।।

 नेम छेम गौ कंकुद निवासू।
 रोम रोम जाके, सुरबासू ॥
सींग सिखर गौमात चढ़ाई।
 कामक्रोध रिपु लोभ मिटाई ।।

  गल कंवल नव जीवन दाता।
 कामधेनु वर तिभुवन माता ।। 
भानुपीठ मंगल शुभकारी।
 दरस परस पावन अघहारी ।।

 वरदायिनि सब रोग मिटाई।
 वैतरनि भव पार लगाई।।
 गौमुख गंगा वेग बहाई।
 सबद मंत्र गौ देत बनाई ।।

 श्राद्ध पिण्ड तर्पन मख पूजा।
 साधन सिद्धि धेनु नहिं दूजा ।। 
सकल करम साखी गौमाता।
विमुख धेनु सो नरक निपाता ।। 

ब्रह्ममुहुर्त पावन सब कहई ।
 गोधुलि बेला शुभकरई ।। 
जाके स्वास वेदविधि गांई।
गोरज विधि को लेख मिटाई ।।

 प्रातकाल उठि दरसन पावा ।
 वेदपुरान सुदरसन गावा ।।
 सुरभि सुमंगल भारतमाता।
मेटत भाल कुअंक विधाता ।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *